तो सफेद कफन में लिपटा हुआ मुर्दा भी सुलतान मिर्ज़ा होता। क्योंकि हमारी दुश्मनी में शराफत नहीं होती है। मैं बस खुद को अपना मानता हू�
तो सफेद कफन में लिपटा हुआ मुर्दा भी सुलतान मिर्ज़ा होता। क्योंकि हमारी दुश्मनी में शराफत नहीं होती है। मैं बस खुद को अपना मानता हू�